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राजस्थान और एमपी के जिलों तक पहुंचेगा पानी, 1200 किमी लंबी नहर का जाल बिछेगा

राजस्थान को मिलेगा 4103 एमसीएम पानी
पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (PKC-ERCP) का एमओयू अब एमओए में बदल गया है। इस प्रोजेक्ट से राजस्थान को 4103 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी मिलेगा, जो बीसलपुर बांध को चार बार भरने जितना है। मध्य प्रदेश के 13 जिलों को लगभग 3000 एमसीएम पानी मिलेगा।

राजस्थान के 21 और एमपी के 13 जिलों को लाभ

इस प्रोजेक्ट से राजस्थान के 21 जिलों और एमपी के 13 जिलों में पानी पहुंचेगा।

  • राजस्थान के जिले: जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुरसिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग, जयपुर ग्रामीण।
  • एमपी के जिले: गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर, राजगढ़।

प्रोजेक्ट की खास बातें

  • 1200 किमी लंबी नहर, पाइपलाइन और टनल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी।
  • 7 साल में प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य।
  • जयपुर की जीवन रेखा बीसलपुर बांध की क्षमता 0.50 मीटर बढ़ाई जाएगी।
  • बाढ़ और सूखे की समस्या का स्थायी समाधान होगा।

प्रमुख बांध और जलाशय

  • बैराज: रामगढ़ बैराज (कुल नदी), महलपुर बैराज (पार्वती नदी), नवनेरा बैराज (कालीसिंध नदी), मेज बैराज (मेज नदी), नीमोद राठौड़ बैराज (बनास नदी)।
  • कृत्रिम जलाशय: अजमेर में मोर सागर, अलवर में कृत्रिम जलाशय।
  • बांध: ईसरदा और डूंगरी।

प्रमुख बांधों की सूची

  • टोंक: बीसलपुर, गलवा, टोरडी सागर, मासी।
  • दौसा: मोरेल, माधोसागर, कालाखो।
  • जयपुर: रामगढ़ बांध।
  • भरतपुर: अजान लोवर, बरैठा।
  • करौली: पांचना।

कनेक्ट होंगी ये नदियां

चंबल और उसकी सहायक नदियां जैसे पार्वती, कालीसिंध, कूनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज को जोड़ा जाएगा।

यह प्रोजेक्ट राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और जल संकट का स्थायी समाधान करेगा।

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