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लाल-पीले मीठे बेरों के चमत्कारी फायदे और बढ़ती आमदनी

सर्दी के मौसम में गाॅंवों में बेर के झाड़ियां लाल-पीले रंग के मीठे बेरों से लद गई हैं। अब ये बेर सिर्फ बच्चों के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं और पुरुषों के लिए भी आमदनी का जरिया बन गए हैं। खेतों, मेड़ों और सड़कों के किनारे खड़ी इन झाड़ियों से बेर तोड़कर ग्रामीण लोग इन्हें इकट्ठा कर रहे हैं और बाजार में बेचकर पैसा कमा रहे हैं।

सड़क किनारे बेर का आनंद

गांवों में बच्चे, महिलाएं और पुरुष सभी बेर की झाड़ियों के इर्द-गिर्द नजर आ रहे हैं। यहां तक कि वाहन चालक भी अपनी गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी कर बेर तोड़कर खाते हैं। ये बेर स्वाद में बहुत अच्छे होते हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर बेर

बेर में विटामिन, खनिज, शर्करा और कैल्शियम जैसे तत्व होते हैं। आयुर्वेद के जानकार खींवराज परिहार के अनुसार, बेर का फल रक्त शोधन में मदद करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। कच्चे बेर का सेवन कफ बढ़ा सकता है, जबकि पके हुए बेर शीतल, पचनीय और शक्तिवर्धक होते हैं।

आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले बेर

यह बेर शरद ऋतु में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होते हैं। साथ ही, यह ग्रामीणों के लिए एक अतिरिक्त आमदनी का साधन भी बन चुके हैं, जो बिना किसी मेहनत के इन बेरों को इकट्ठा कर बाजार में बेच रहे हैं।

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