विलय की संभावनाएं और शेयर बाजार पर असर
निसान के शेयरों में 24% की वृद्धि देखी गई, जबकि होंडा के शेयरों में 3% की गिरावट आई। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर ये दोनों कंपनियां विलय करती हैं, तो यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमेकिंग कंपनी बन सकती है। हालांकि, निसान और होंडा ने मिलकर एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है।
उद्योग में बदलाव
चीनी वाहन निर्माताओं की बढ़ती लोकप्रियता ने जापानी कंपनियों के लिए चुनौती बढ़ा दी है। चीन की कंपनियां जैसे BYD और Nio सस्ती इलेक्ट्रिक कारों के साथ अमेरिकी और जापानी कंपनियों से बाजार हिस्सेदारी छीन रही हैं। जापानी वाहन निर्माता अब लागत घटाने और इलेक्ट्रिक वाहनों में पिछड़ने की भरपाई करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
विलय से संभावित लाभ
अगर होंडा और निसान का विलय होता है, तो यह कंपनी लगभग 55 अरब डॉलर की हो सकती है, जो टोयोटा और फॉक्सवैगन जैसी बड़ी कंपनियों से मुकाबला कर सकती है। इससे इन दोनों कंपनियों को एक साथ मिलकर तकनीकी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। होंडा के लिए निसान की बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक महत्वपूर्ण हो सकती है, जबकि निसान को होंडा की कुछ नई श्रेणियों में लाभ मिल सकता है।
होंडा को निसान से क्या मिलेगा?
होंडा को निसान से बड़ी एसयूवी और बैटरी-इलेक्ट्रिक तकनीक जैसे फायदे मिल सकते हैं। निसान के पास ऐसे वाहन हैं, जो होंडा के पास नहीं हैं, और उनकी बैटरी और हाइब्रिड तकनीक होंडा के लिए फायदेमंद हो सकती है।
यह विलय या साझेदारी दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने और वैश्विक बाजार में मजबूत प्रतिस्पर्धा करने में मदद कर सकता है।