मेलाधिकारी ने प्रमुख नगर विकास अमृत अभिजात और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान को भी इस समस्या के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पांटून पुल और चकर्ड प्लेट सड़कों का निर्माण अत्यंत धीमा होने से साधु-संतों में रोष बढ़ रहा है, जिससे मेला प्राधिकरण की छवि पर बुरा असर पड़ रहा है।
मेलाधिकारी ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंडों में काम बहुत धीमा है और कई मार्गों पर काम या तो अधूरा है या खराब गुणवत्ता का है। खासकर संगम लोवर, हर्षवर्धन, मुक्ति मार्ग, अन्नपूर्णा मार्ग और तुलसी मार्ग जैसे प्रमुख मार्गों पर काम की गति बेहद सुस्त है। इसके अलावा कई मार्गों पर काम बिना क्लैंपिंग के किया गया है, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
अब तक महाकुंभ 2025 के लिए बनाए जाने वाले 30 पांटून पुलों में से सिर्फ 5 ही तैयार हो पाए हैं। मेलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि 20 दिसंबर तक प्रमुख मार्गों और पुलों का निर्माण पूरा किया जाए, अन्यथा संबंधित अभियंताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।