पार्षदों का आरोप था कि प्रवर्तन दस्ते का उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है, और वे मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। साथ ही, वसूली और पार्षदों से अभद्रता के आरोप भी लगाए गए। इसके अलावा, पॉलिथीन नष्ट करने के लिए एक कमेटी बनाने की भी मांग की गई, जिसमें पार्षदों को शामिल किया जाए।
नगर आयुक्त ने मामले की जांच के लिए अपर नगर आयुक्त आवेश खान को जिम्मेदारी दी है, जो जल्द ही रिपोर्ट सौंपेंगे। 18 दिसंबर को ई-रिक्शे को छुड़ाने के विवाद के बाद यह मामला और गरमा गया था।
यहां पर सपा, कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने मिलकर बैठक की और इस घटना की निंदा की। पार्षदों ने प्रवर्तन दस्ते के कार्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।