घायल प्रदीप सिंह ने पुलिस को बताया कि वह 23 नवंबर को शाम करीब 6 बजे घर पर था। तभी गांव के नवीन ने फोन कर बताया कि विपक्षी ट्रैक्टर में डस्ट लेकर उसकी खरीदी जमीन पर निर्माण कार्य करने आ रहे हैं। जब वह मौके पर पहुंचा, तो उसकी मां ओमादेवी और चाचा रणधीर भी वहां थे। इसके बाद दूसरे पक्ष के लोग उनकी जमीन पर काम करने लगे। जब प्रदीप ने विरोध किया, तो दूसरे पक्ष ने उन पर हमला कर दिया।
प्रदीप ने बताया कि जब उनके साझेदार राजेश, मां और बनिता बचाव करने आए, तो आरोपियों ने उन पर भी हमला किया। इस हमले में प्रदीप, राजेश और बनिता घायल हो गए। बाद में डायल 112 को फोन कर पुलिस को सूचित किया गया, लेकिन आरोपियों ने धमकी देकर मौके से फरार हो गए। घायलों ने बाद में अपना इलाज कराया।