मुख्तार के पैतृक घर में उनका शव रखा गया था और उनके बेटे उमर ने उनकी मूछों पर आखिरी बार ताव दिया। जनाजे के बाद प्रिंस टाकीज मैदान में नमाज-ए-जनाजा की रस्म अदा की गई।
मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद थे। 28 मार्च को उन्हें बेहोशी की स्थिति में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था, लेकिन उनका इलाज नहीं हो पाया।
मुख्तार ने कई बार बताया था कि उन्हें जेल में मारने की साजिश की जा रही है, उन्हें जहर दिया जा रहा है। उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई है।