इस दिन श्रद्धालुओं की संख्या ढाई लाख तक पहुंच गई, जबकि पहले दिन रोजाना डेढ़ लाख श्रद्धालु कथा सुनने आते थे। पंडाल के अंदर जगह भर जाने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाहर जमा हो गए थे, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी। इससे अफरा-तफरी मच गई और कुछ महिलाएं गिर गईं।
आयोजकों ने कहा कि भगदड़ नहीं मची, लेकिन बाहर अधिक संख्या में श्रद्धालु होने के कारण व्यवस्था में परेशानी आई। पुलिस मौके पर मौजूद थी और सभी सुरक्षा उपाय किए गए थे। डीएम, कमिश्नर और एसपी ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति को शांत किया।
कथा के अंतिम दिन सुरक्षा के लिहाज से 150 कैमरे लगाए गए थे और पुलिस की तैनाती भी की गई थी। प्रशासन ने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की भगदड़ नहीं मची थी और सभी श्रद्धालु सुरक्षित थे।