उन्होंने बताया कि लंदन में हजारों सनातनी हिंदुओं से मुलाकात की और वहां के हिंदू समाज में काफी उत्सुकता थी। वे सामूहिक अर्जी और कथा सुनने के लिए तैयार थे। बाबा ने कहा कि विदेश यात्रा का मुख्य उद्देश्य यह है कि हिंदू समाज की आने वाली पीढ़ी अपनी पहचान से अलग न हो जाए और विश्वभर में हिंदू एकजुट हों।
बाबा ने यह भी कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों को देखते हुए, हमें विदेश यात्रा करनी पड़ती है ताकि ऐसे हालातों से बचा जा सके। उन्होंने लंदन की सरकार की सराहना की, जो वहां रहने वाले हिंदू और भारतीयों को प्रोत्साहित करती है।