Site icon Channel 009

नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म: 5वीं-8वीं के 72 हजार छात्रों को करनी होगी कड़ी मेहनत

नो डिटेंशन पॉलिसी के खत्म होने के बाद अब 5वीं और 8वीं कक्षा के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। जिले में फिलहाल 72 हजार छात्र इन दोनों कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे हैं।

पिछले साल क्या हुआ था?

गत वर्ष करीब 17 हजार छात्र परीक्षा में असफल रहे थे। इनमें से कई छात्र ऐसे थे, जिन्होंने परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया। इसके बावजूद सभी छात्रों को प्रमोट कर दिया गया। पहले हर साल 25% छात्र परीक्षा में फेल हो जाते थे, लेकिन फिर भी उन्हें अगली कक्षा में भेज दिया जाता था।

री-एग्जाम की सुविधा भी खत्म

पहले एमपी बोर्ड के छात्रों को री-एग्जाम देकर पास होने का एक और मौका मिलता था। अब नई नीति के तहत यह व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है। जो छात्र परीक्षा में फेल होंगे, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।

जिले में 2700 स्कूल, 72 हजार छात्र

जिले में 2700 स्कूल हैं, जिनमें 5वीं कक्षा में 33,832 और 8वीं कक्षा में 38,221 छात्र पढ़ रहे हैं। नई नीति के लागू होने से छात्रों के साथ शिक्षकों को भी अधिक मेहनत करनी होगी। इससे स्कूलों की रैंकिंग पर भी असर पड़ सकता है।

नई व्यवस्था की चुनौती

नई व्यवस्था से छात्रों और शिक्षकों पर जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब पढ़ाई में लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं है। परीक्षा में असफल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा, जिससे शिक्षा का स्तर सुधारने की कोशिश की जा रही है।

निष्कर्ष: नई नीति से छात्रों को पढ़ाई में अधिक मेहनत करनी होगी, जिससे उनकी शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो सके।

Exit mobile version