

मध्य प्रदेश सरकार के 15 से अधिक बड़े विभागों और बोर्डों पर अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इनमें कई ऐसे विभाग हैं जिनके स्थायी प्रमुख नहीं हैं, जिससे कामकाज में प्रभावित होने का खतरा है। महिला एवं बाल विकास विभाग का कार्यक्षेत्र भी बढ़ा हुआ है, और इसमें भी कोई स्थायी प्रमुख नहीं है।