
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने अटल जी के विचारों और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं को सशक्त बनाने और सुशासन के लिए पूरी तरह समर्पित है।
‘अटल ज्ञान केंद्र’ और प्रेरक की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में ‘अटल ज्ञान केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों पर ई-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे ग्रामीण युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। इसके अलावा, इतने ही ‘अटल प्रेरक’ नियुक्त करने की घोषणा भी की गई।
विशेष कार्यक्रमों की घोषणा
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि 26 दिसंबर को हर पंचायत समिति मुख्यालय पर ‘अटल जनसेवा शिविर’ आयोजित किए जाएंगे। राज्य के सभी स्कूलों के कंप्यूटर कक्षों का नाम ‘अटल कंप्यूटर कक्ष’ रखा जाएगा। इसके साथ ही, ई-गवर्नेंस अवॉर्ड का नाम बदलकर ‘अटल ई-गवर्नेंस अवॉर्ड’ किया गया है।
अटल जी का व्यक्तित्व और आदर्श
मुख्यमंत्री ने वाजपेयी जी को याद करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व समुद्र की गहराई और आकाश की विशालता लिए हुए था। वे केवल नेता नहीं, बल्कि कवि, विचारक और भारत मां के सच्चे सपूत थे। उनका हर शब्द प्रमाणिकता और संवेदनशीलता से भरा होता था। उन्होंने राजनीति में सुशासन और पारदर्शिता का महत्व स्थापित किया।
भजनलाल शर्मा ने कहा कि अटल जी ने अपना जीवन देश को समर्पित किया। उनके विचार और आदर्श आज भी हमें प्रेरित करते हैं। हम उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मदन राठौड़ ने सुनाया किस्सा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अटल जी के पाली दौरे का एक रोचक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि 1971 में वाजपेयी जी पाली में भाजपा प्रत्याशी सम्पतमल गांधी के प्रचार के लिए आए थे। रेलवे स्टेशन पर उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने भोजन किया है। उन्होंने हंसते हुए कहा, “आपने पूछा ही नहीं।” इसके बाद राठौड़ को स्कूटर पर भोजन लाने भेजा गया। वाजपेयी जी ने रेलवे रिटायरिंग रूम में बैठकर वह भोजन किया।
यह किस्सा अटल जी के सादगी भरे जीवन और सहज व्यक्तित्व को दर्शाता है।