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सिर पर झूलते बिजली के तार: हादसों का कारण बन रहे हैं

धौलपुर शहर में जगह-जगह झूलते बिजली के तार शहरवासियों के लिए बड़ी समस्या बन गए हैं। इन तारों की ऊंचाई कम होने के कारण हमेशा हादसे का डर बना रहता है। इस समस्या की वजह से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें लोग झुलस चुके हैं और आवारा जानवर भी इन तारों से घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद बिजली विभाग ने इन तारों को ठीक करने की कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

झूलते तारों से रोज़ाना परेशानी
शहर के मुख्य मार्गों और अंदरुनी इलाकों में झूलते बिजली के तार आम लोगों के लिए खतरे का कारण बनते हैं। इन तारों की ऊंचाई सड़क के रास्ते से कम होने के कारण वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को हादसे का सामना करना पड़ता है। हल्की हवा से ये तार आपस में टकरा जाते हैं, जिससे बिजली आपूर्ति भी बाधित हो जाती है।

इन इलाकों में है समस्या
हरदेव नगर, फद्दी का चौराहा, लाला बाजार, संतर बाजार, पुराना शहर और कायस्त पाड़ा जैसे इलाकों में बिजली के तार बहुत कम ऊंचाई पर लटके हुए हैं। यहां के लोग हमेशा इन तारों के कारण हादसों का डर महसूस करते हैं। पुराना शहर का हाल तो और भी खराब है, जहां जगह-जगह लटके हुए तार गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। इस बारे में विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

घरों के पास से गुजरते बिजली के तार
शहर के गली-मोहल्लों से लेकर बाजारों तक इन झूलते बिजली के तारों को आसानी से देखा जा सकता है। कई जगहों पर ये तार घरों की छतों और गैलरी से होकर गुजरते हैं, जिससे घरों में रहने वाले लोग और खासकर बच्चे परेशान हैं। दुकानदार भी इस समस्या को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनके दुकान के शटर के पास लटके हुए तारों से हर समय हादसा होने का खतरा बना रहता है।

पहले हो चुके हैं हादसे
शहर में पहले भी बिजली के तारों के कारण कई हादसे हो चुके हैं। पिछले साल पुराना शहर में मोहर्रम के दौरान तारों की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। कुछ साल पहले, एक स्कूल बस के झूलते तारों से 14 बच्चे करंट से झुलस गए थे। इसके अलावा, कई बड़े वाहन भी इन तारों की चपेट में आ चुके हैं, और आवारा जानवर भी इस समस्या का शिकार हो चुके हैं।

विभागीय अधिकारी का जवाब नहीं
जब इस बारे में डिस्कॉम के एक्सईएन मुकेश गुप्ता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोन पर कोई जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया।

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