डीएम मोनिका रानी के निर्देश पर सीडीओ ने जांच शुरू की थी, जिसमें पाया गया कि मनरेगा योजना के तहत बिना काम कराए 3 लाख 15 हजार रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था। इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी और तकनीकी सहायक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस भी दर्ज कराया गया है।
मनरेगा योजना के तहत मिट्टी पटाई का काम दिखाया गया था, लेकिन सीडीओ द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि मौके पर कोई काम नहीं हुआ था। इसके बावजूद, फर्जी तरीके से काम की फोटो अपलोड की गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि कुल 3 लाख 15 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया। इस धन की रिकवरी ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक और ग्राम विकास अधिकारी से की जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद बहराइच जिले में हड़कंप मच गया है।