आग कैसे लगी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि खाना बनाते समय या शॉर्ट सर्किट से आग लगी हो सकती है। इस घटना में 5 महीने की हीर और 3 साल की जानवी की जिंदा जलने से मौत हो गई, जबकि बड़ी बहन कीर्ति की हालत नाजुक है, जिसे इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है।
घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित पिता गोविंद सिंह ने बताया कि दोपहर के समय तीनों बेटियां झोपड़ी में सो रही थीं, जबकि वह और उनकी पत्नी पास में खेतों में काम कर रहे थे। अचानक झोपड़ी से आग की लपटें उठने लगीं और जब वह दौड़कर पहुंचे तो बेटियां झुलस चुकी थीं।
घटना के बाद, ग्रामीणों ने मदद की और तीनों बच्चों को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां, हीर और जानवी को मृत घोषित कर दिया गया और कीर्ति की हालत भी गंभीर बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को शोकजनक बताते हुए मृतक बालिकाओं के परिवार को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, कीर्ति के इलाज के लिए भी मदद का आश्वासन दिया है।