सालभर से यह समस्या गांववासियों के लिए बनी हुई है। हर महीने औसतन दो से पांच बार यह स्थिति उत्पन्न होती है। हवाईपट्टी के विस्तार के बाद इन दोनों गांवों के रास्ते भी उसमें समाहित हो गए, जिससे परेशानी बढ़ गई।
हवाईपट्टी पर विमान उतरने के बाद लक्ष्मणा का बास, खिरोड और पिपराली से सिंघासन जाने वाले रास्ते भी बंद हो जाते हैं। ऐसे में इन रास्तों से गुजरने वालों को वैकल्पिक रास्ते का सहारा लेना पड़ता है।
समस्या हवाईपट्टी के विस्तार के दौरान इन गांवों के रास्तों को नजरअंदाज किए जाने से उत्पन्न हुई है। एक साल पहले चारदीवारी बनाने की योजना आई थी, लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, जिससे काम रुक गया।
संतरा देवी, सरपंच, तारपुरा ने इस मुद्दे को कई बार संबंधित विभागों और कलक्टर के पास उठाया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।