मंत्री के मुताबिक, फिलहाल 24 अधिकारियों और कर्मचारियों पर फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के मामले में कार्रवाई तय हो चुकी है, जबकि 232 अन्य कर्मचारियों पर जांच चल रही है। यह जानकारी विधायक डॉ. राजेन्द्र सिंह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी गई है।
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र और दिव्यांगता सर्टिफिकेट के मामले मध्य प्रदेश में लंबे समय से सामने आ रहे हैं, और इनकी जांच लगातार चल रही है। पिछले 9 सालों से इन मामलों की जांच जारी है, और 232 कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनकी जांच जारी है।