सूरतगढ़ थर्मल पावर स्टेशन राजस्थान में बिजली उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन जल संसाधन विभाग को पानी के बिल चुकाने में सुस्ती दिखा रहा है। वर्तमान में थर्मल प्रशासन पर 136.53 करोड़ रुपए का बकाया है। जल संसाधन विभाग बार-बार चेतावनी दे रहा है कि यदि बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो जल आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। बावजूद इसके, थर्मल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
इन्दिरा गांधी नहर से पानी की आपूर्ति:
- सूरतगढ़ थर्मल को 1998 से इन्दिरा गांधी नहर से पानी सप्लाई हो रही है।
- हर महीने करीब 7-8 करोड़ रुपए का बिल आता है।
- पानी की दरें 20 रुपए प्रति हजार घनफीट से बढ़कर अब 332.75 रुपए प्रति हजार घनफीट हो गई हैं।
- थर्मल को प्रतिदिन 60-86 क्यूसेक पानी मिलता है।
पानी का स्टॉक:
- थर्मल प्रोजेक्ट के पास एक महीने के लिए रिजर्व पानी स्टॉक मौजूद है।
- रिजर्व वॉटर डिग्गियों में करीब 50 लाख किलो लीटर और सुपर क्रिटिकल थर्मल में 35 लाख किलो लीटर पानी स्टॉक रहता है।
किसानों पर सख्ती, थर्मल पर नरमी:
- जल संसाधन विभाग किसानों से बकाया वसूली के लिए सख्त कदम उठाता है, लेकिन थर्मल प्रशासन के साथ नरमी बरतता है।
- किसानों का कहना है कि यदि वे समय पर भुगतान न करें तो पानी की बारी तक काट दी जाती है।
- दूसरी ओर, थर्मल प्रशासन बार-बार नोटिस मिलने के बावजूद पूरी राशि जमा नहीं कर रहा है।
बकाया बिलों की स्थिति (वर्षवार):
- 2021: 14.81 करोड़ रुपए
- 2022: 32.30 करोड़ रुपए
- 2023: 37.72 करोड़ रुपए
- 2024: 98.66 करोड़ रुपए
- 2025: 136.53 करोड़ रुपए
अधिकारियों के बयान:
- दिनेश खत्री, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग:
“थर्मल प्रशासन पर 136.53 करोड़ रुपए का बकाया है। बकाया राशि वसूलने के प्रयास जारी हैं।” - टीआर सोनी, मुख्य अभियंता, सूरतगढ़ थर्मल:
“जल संसाधन विभाग द्वारा बिल जारी किए जा रहे हैं और विभागीय प्रक्रिया के तहत भुगतान किया जा रहा है।”
निष्कर्ष:
सूरतगढ़ थर्मल को जल संसाधन विभाग से मिले नोटिस का जल्द जवाब देते हुए बकाया राशि चुकानी चाहिए, ताकि जल आपूर्ति बाधित न हो और किसानों के साथ समान व्यवहार किया जा सके।