1400 बसों का संचालन
कुमेड़ी स्थित इस आईएसबीटी का निर्माण पूरा हो चुका है और आखिरी चरण में बसों के आने-जाने के रास्तों पर शेड लगाए जा रहे हैं। यह काम 15 जनवरी तक पूरा हो जाएगा। यहां से 1400 बसें चलेंगी, जो इंदौर शहर को भारी यातायात से राहत देंगी।
रेवेन्यू मॉडल तैयार किया जा रहा
आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) ने आईएसबीटी के संचालन के लिए रेवेन्यू मॉडल तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए दिल्ली की एक विशेषज्ञ कंपनी को नियुक्त किया गया है। कंपनी 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर टेंडर जारी किया जाएगा। 21 दिन के भीतर ठेकेदार का चयन कर लिया जाएगा।
लोकार्पण से पहले बसों का संचालन
आईएसबीटी का लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। इससे पहले बस ऑपरेटरों से चर्चा कर बसों का संचालन शुरू करने का प्रयास किया जाएगा ताकि यात्रियों को जल्द सुविधा मिल सके।
कमाई के कई स्रोत
आईएसबीटी से कमाई के लिए कई विकल्प होंगे:
- बस एंट्री शुल्क: 1400 बसों की एंट्री फीस से।
- पार्किंग शुल्क: यात्रियों और अन्य वाहनों के लिए।
- दुकानें और ऑफिस: यहां 37 दुकानें, 32 ऑफिस और 16 रेस्टोरेंट बनाए गए हैं।
- विज्ञापन: यूनीपोल के जरिए विज्ञापन से।
खर्च का प्रबंधन
आईएसबीटी पूरी तरह वातानुकूलित होगा, जिससे बिजली का बड़ा खर्च होगा। साथ ही, बस स्टैंड के संचालन के लिए 200 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। ठेकेदार कंपनी आईडीए को सालाना पैसा जमा कराएगी।
नया आईएसबीटी इंदौर को न केवल बेहतर परिवहन सुविधा देगा, बल्कि शहर की यातायात समस्या को भी कम करेगा।