क्या है मामला?
37 वर्षीय रामोतार सैनी, जो सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित हैं, का नाम जनाधार पोर्टल से हटा दिया गया था और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इस वजह से वे सरकारी योजनाओं और इलाज के लिए मिलने वाली सहायता से वंचित थे। खास बात यह है कि उन्हें मृत घोषित करने के लिए ना तो कोई मृत्यु प्रमाण पत्र और ना ही शपथ पत्र लगाया गया था।
प्रशासन ने किया त्वरित समाधान
गुरुवार को रामोतार अपने परिजनों के साथ दौसा कलेक्ट्रेट पहुंचे और मामले की शिकायत की। कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए। पंचायत समिति बांदीकुई के एईएन नितेश सैनी ने पंचायत प्रसार अधिकारी, बायोमेट्रिक ऑपरेटर और बीएसओ को रामोतार के घर भेजा। इसके बाद उनका नाम जनाधार पोर्टल में फिर से जोड़ दिया गया।
सरकारी सहायता का लाभ मिलेगा
परिजनों ने बताया कि अब वे सिलिकोसिस कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे और बीमारी के इलाज के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता का लाभ उठा सकेंगे।
पत्रिका की भूमिका
इस मुद्दे को राजस्थान पत्रिका ने 10 जनवरी के संस्करण में “मैं जिंदा हूं.. कलेक्टर साहब मेरी मदद करो” शीर्षक से उठाया था। इस खबर के बाद ही प्रशासन ने सक्रिय होकर राहत पहुंचाई।