गिरफ्तार आरोपी और बरामद सामान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक बलाई (सोडाला), संजय मेघवाल (टोंक), नंदवीर सैनी (मानसरोवर), और विनोद बैरवा (मालपुरा) शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 9 मोबाइल फोन, 13 कंप्यूटर, 1 लैपटॉप, वाईफाई डिवाइस, बायोमेट्रिक मशीन और 78 हजार रुपए नकद जब्त किए हैं।
कैसे करते थे ठगी?
यह गिरोह पिछले छह महीनों से विक्रमादित्य मार्ग स्थित एक अपार्टमेंट में समाज सेवा केंद्र के नाम से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था।
- ई-मित्र आईडी दिलाने का झांसा देकर लोगों से संपर्क करते थे।
- रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 5-10 हजार रुपए वसूलते थे।
- शुरुआत में मामूली कैशबैक देकर भरोसा जीतते थे।
- बाद में मोटी रकम बैंक खाते में जमा करवाकर कस्टमर का नंबर ब्लॉक कर देते और नए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल शुरू कर देते।
कितने लोग ठगे गए?
कॉल सेंटर के जरिए करीब 500 लोगों से 15 लाख रुपए से अधिक की ठगी की गई है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने साइबर शील्ड अभियान (2-31 जनवरी) के तहत यह कार्रवाई की। कॉल सेंटर पर छापेमारी के दौरान ऑनर और अन्य वर्कर वहां नहीं मिले। उनकी तलाश जारी है। डीसीपी (साउथ) दिगंत आनंद ने बताया कि आरोपी लोगों को झांसे में लेकर रजिस्ट्रेशन फीस और कैशबैक का लालच देते थे।
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि अनजान कॉल्स और ई-मित्र जैसी योजनाओं से जुड़े किसी भी संदिग्ध प्रस्ताव से सतर्क रहें।