राजस्थान सरकार द्वारा सांचौर जिला खत्म करने के फैसले के बाद सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति का धरना 13वें दिन भी जारी है। धरने को ग्रामीणों का लगातार समर्थन मिल रहा है। करावड़ी गांव के लोगों ने रैली निकालकर राज्य सरकार से सांचौर जिला बहाल करने की मांग की।
सरकार पर जनता के आरोप
ग्रामीणों ने सरकार पर जनविरोधी फैसले लेने का आरोप लगाया और कहा कि नर्मदा और भारतमाला जैसे बड़े प्रोजेक्ट के बावजूद सांचौर जिले को खत्म करना जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि नेहड़ क्षेत्र के लोगों को अब जालोर मुख्यालय तक 250 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा, जो अस्वीकार्य है।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और समिति के सदस्य मौजूद रहे। सभी ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया और चेतावनी दी कि जनता इसका जवाब आने वाले चुनाव में देगी।
ज्ञापन सौंपा गया
संघर्ष समिति ने सरकार से सांचौर जिला बहाल करने की मांग करते हुए उपखंड अधिकारी प्रमोद कुमार चौधरी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि पूर्व सरकार द्वारा गठित रामलुभाया कमेटी ने जिले की दूरी और जनसंख्या के आधार पर नए जिले बनाए थे। लेकिन वर्तमान सरकार ने बिना किसी स्पष्ट कारण के सांचौर जिले को 28 दिसंबर 2024 को खत्म कर दिया।
ग्रामीणों ने कहा कि डीग, खैरथल, और सलूम्बर जैसे जिलों की दूरी मुख्य जिलों से कम है, जबकि सांचौर का मुख्यालय जालोर से 145 किलोमीटर दूर है।
पहले भी हुआ था विरोध
सांचौर जिला बनने के बाद लोगों को अपने काम नजदीक और आसानी से हो जाते थे, जिससे आर्थिक बोझ भी कम हो गया था। 25 सितंबर 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक जिला मुख्यालय पर अनशन और महापड़ाव भी किया गया था। लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
धरना रहेगा जारी
संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि जब तक सांचौर जिला दोबारा बहाल नहीं किया जाता, धरना जारी रहेगा। इस दौरान पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई और अन्य नेताओं ने धरने में भाग लिया।
पंचायतों का समर्थन
सांचौर जिला बचाने के लिए चल रहे धरने को लगातार ग्रामीण पंचायतों का समर्थन मिल रहा है। धमाणा, धानता, कारोला, हरियाली, भादरूणा, जाखल, करावड़ी सहित अन्य पंचायतों ने भी अपना समर्थन दिया है। संघर्ष समिति ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती।