रीजनल कनेक्टिविटी योजना का फायदा नहीं मिल पाया
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) का पांचवा चरण चल रहा है, जिसमें 20 से 80 सीटर विमानों और 80 से ज्यादा सीटों वाले विमानों की सेवा पर जोर दिया गया है। पहले, उड़ानों की सीमा 600 किलोमीटर तक थी, जिसे अब हटा दिया गया है। इस बदलाव से खजुराहो-दतिया-दिल्ली के बीच उड़ान की योजना बनी, लेकिन दतिया एयरपोर्ट के अधूरे निर्माण के कारण अब तक यह सेवा शुरू नहीं हो सकी।
खजुराहो एयरपोर्ट ने फिर हासिल किया पहला स्थान
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा देशभर के 63 हवाई अड्डों पर किए गए 2025 ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण में खजुराहो एयरपोर्ट ने प्रदेश में पहला और देश में 8वां स्थान प्राप्त किया है। इस सूची में मध्य प्रदेश का ग्वालियर एयरपोर्ट 10वें, भोपाल 15वें और जबलपुर 22वें स्थान पर रहा है।
खजुराहो की पिछली उपलब्धियां
- वर्ष 2024 की पहली रिपोर्ट में खजुराहो एयरपोर्ट प्रदेश में पहले और देशभर में 10वें स्थान पर था।
- वर्ष 2019 में खजुराहो एयरपोर्ट 10वें स्थान पर था, लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण इसकी रैंकिंग गिरकर 51वें स्थान पर पहुंच गई थी।
- जुलाई-दिसंबर 2024 की रिपोर्ट में 63 एयरपोर्ट को शामिल किया गया है, जिसमें खजुराहो ने एक बार फिर अपनी पहली रैंकिंग बरकरार रखी।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस विमान सेवा के शुरू होने से पीतांबरा पीठ, खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर तक धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। साथ ही, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के कारण स्थानीय व्यापार और रोजगार में वृद्धि होगी।
दतिया एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद यह महत्वाकांक्षी परियोजना साकार हो सकेगी।