रविवार को जब आरपीएफ के उपनिरीक्षक दीपचंद और बदन सिंह ने रेलवे स्टेशन के पास कुछ चोरों को कोयला चोरी करते हुए पकड़ा, तो गुस्साए लोगों ने पथराव किया और जब दोनों पुलिसकर्मी शिकायत करने के लिए कैंट थाना जा रहे थे, तो उन पर हमला किया गया। इसके बाद उपद्रवियों ने उनकी बाइक में आग लगा दी। हमलावरों में स्टेशन के पास स्थित टपरियों की महिलाएं भी शामिल थीं।
सोमवार को पत्रिका टीम ने देखा कि कोयला चोर मालगाड़ी से कोयला चुराते हुए कैमरे में कैद हो गए, लेकिन आरपीएफ का कोई भी अमला मौके पर नहीं था। कोयला चोरी के ये सिलसिले 24 घंटे सक्रिय रहते हैं, और इसमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी शामिल होते हैं। हर माह 200 क्विंटल से ज्यादा कोयला चोरी हो रहा है, जिससे कई लोग अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं।
इस घटना के बाद पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस ने कई आरोपियों पर मामला दर्ज किया है, लेकिन कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं।