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स्टॉक मार्केट क्रैश: सेंसेक्स में 1400 अंक की गिरावट, निफ्टी 23,000 के नीचे, ट्रंप की नीतियों और कमजोर नतीजों ने बढ़ाई बेचैनी

21 जनवरी 2025 को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1% से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए हैं।

इस गिरावट के प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियां और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे हैं। इन कारणों से निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली भी बाजार पर दबाव डाल रही है।

गिरावट के प्रमुख कारण:

  1. ट्रंप की टैरिफ नीतियां: ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि ब्रिक्स देशों ने डॉलर पर निर्भरता कम करने की कोशिश की, तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25% शुल्क लगाने की भी घोषणा की है।
  2. कमजोर तिमाही नतीजे: दिसंबर तिमाही के नतीजे कमजोर रहे, जिससे बाजार में गिरावट आई। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयर 14% तक गिर गए, जबकि जोमैटो और ओबेरॉय रियल्टी के शेयर भी गिरे।
  3. जापान के केंद्रीय बैंक की ब्याज दर नीति: जापान के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की संभावना ने वैश्विक बाजारों में घबराहट फैला दी है।
  4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: जनवरी में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से ₹50,000 करोड़ से अधिक की निकासी की है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ा है।

नुकसान उठाने वाले प्रमुख शेयर: सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में जोमैटो, अदानी पोर्ट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल शामिल हैं।

तकनीकी दृष्टिकोण: निफ्टी के लिए 23,140 का स्तर महत्वपूर्ण था, लेकिन 23,370/90 का स्तर पार न होने के कारण बाजार कमजोर हो गया। अगर बाजार 23,330 के स्तर से ऊपर रहता है, तो 23,550-23,640 तक की उम्मीद की जा सकती है। अन्यथा, बाजार 23,268/48 तक गिर सकता है।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों पर असर: छोटे और मझोले शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 2.27% गिरा, जबकि मिडकैप 100 में 2.20% की गिरावट दर्ज की गई।

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