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एसडीओपी पर बिना वारंट घर में घुसने और पैसे ले जाने का आरोप

बंडा के वार्ड नंबर-13 निवासी नीरज सिंह लोधी ने डीजीपी से शिकायत की है कि 3 जनवरी को एसडीओपी शिखा सोनी बिना किसी पूर्व सूचना या वारंट के 4 पुलिसकर्मियों के साथ उनके घर में घुस गईं और तलाशी के नाम पर सामान अस्त-व्यस्त कर दिया। नीरज, जो एसटीएफ उज्जैन में पदस्थ हैं और वर्तमान में मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात हैं, ने बताया कि उनके छोटे भाई गजेंद्र लोधी ने जब कार्रवाई का कारण पूछा, तो पुलिस ने उनके और परिवार के सभी मोबाइल फोन छीन लिए।

परिवार के साथ दुर्व्यवहार का आरोप

शिकायत में बताया गया कि पुलिसकर्मियों ने गजेंद्र के साथ मारपीट की और उसके बाल पकड़कर बाहर ले गए। जब उसकी पत्नी ने विरोध किया, तो पुलिसकर्मियों ने उसे कमरे में बंद कर दिया।

तलाशी में तोड़फोड़ और पैसे ले जाने का आरोप

नीरज ने आरोप लगाया कि तलाशी के दौरान जब पुलिस को कुछ संदिग्ध नहीं मिला, तो उन्होंने कमरे में तोड़फोड़ की और बक्से का ताला तोड़कर उसमें रखे 1.17 लाख रुपए ले गए। इसके बाद गजेंद्र पर धारा 170 के तहत झूठा केस दर्ज कर दिया गया। नीरज का कहना है कि पुलिस जब्त किए गए पैसों का कोई रिकॉर्ड नहीं बना रही और न ही उन्हें वापस किया गया है।

एसडीओपी का बयान

जब इस मामले में बंडा एसडीओपी शिखा सोनी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि “आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी वारंट की जरूरत नहीं, मैं खुद वारंट जारी करती हूं।”

जांच जारी

इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लिया है और एसपी को जांच के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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