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गंदा पानी: 8 साल में 1676 करोड़ रुपए के बावजूद भी समस्या बरकरार

शहर में जल संसाधन की सबसे महत्वपूर्ण नदी, द्रव्यवती अब नाले के रूप में परिणत हो गई है। अब इसका पानी पीने योग्य नहीं रहा है और यहाँ के लोग भी इससे अलग रहने की कोशिश कर रहे हैं। इस परिस्थिति में बने मजार, गूलर और रामचंद्रपुरा बांध भी अब गंदे पानी से लबालब हो गए हैं।

कोर्ट ने भी इसे ‘अमानीशाह नाला’ नहीं, ‘द्रव्यवती नदी’ कहने का सुझाव दिया था, लेकिन बाद में भी कुछ नहीं बदला। 1676 करोड़ रुपए के खर्च के बावजूद, अधिकारी और सरकार की मानसिकता में कोई परिवर्तन नहीं आया। इस तरह, अभी भी ‘द्रव्यवती’ को ‘नाला’ ही कहा जाता है।

द्रव्यवती को बचाने के उपाय:

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