कोर्ट ने भी इसे ‘अमानीशाह नाला’ नहीं, ‘द्रव्यवती नदी’ कहने का सुझाव दिया था, लेकिन बाद में भी कुछ नहीं बदला। 1676 करोड़ रुपए के खर्च के बावजूद, अधिकारी और सरकार की मानसिकता में कोई परिवर्तन नहीं आया। इस तरह, अभी भी ‘द्रव्यवती’ को ‘नाला’ ही कहा जाता है।
द्रव्यवती को बचाने के उपाय:
- शहर के सीवर नेटवर्क का अपग्रेडेशन: शहर के सीवर लाइनों का अपग्रेडेशन किया जाना चाहिए ताकि गंदा पानी सीधे नदी में न जाए।
- जलस्रोतों की संरक्षा: नालों के जलस्रोतों को संरक्षित करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें साफ किया जाना चाहिए।
- सख्त कानूनी कार्रवाई: अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि नालों को स्वच्छ रखने की प्रेरणा मिले।