
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को जलाने को लेकर गैस राहत विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने रिपोर्ट पेश की है। विभाग का दावा है कि कचरा जलाने से न तो जमीन को नुकसान होगा और न ही लोगों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर पड़ेगा। यह दावा दस साल पुराने आंकड़ों के आधार पर किया गया है।
कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया
भोपाल गैस त्रासदी के करीब 40 साल बाद 2 जनवरी को इस जहरीले कचरे को पीथमपुर भेजा गया है। यहां इसे जलाने की सुरक्षित प्रक्रिया के जरिए नष्ट किया जाएगा। हाल ही में एक वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में तेजी आई है। कोर्ट के निर्देश पर इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पीसीबी ने जारी किया जनसंवाद
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) ने इस मुद्दे पर जनसंवाद जारी किया है। इसमें बताया गया है:
- यूनियन कार्बाइड का कचरा क्या है।
- इसमें कौन-कौन से रसायन मौजूद हैं।
- इसे जलाने की सुरक्षित प्रक्रिया क्या है।
कचरे में कार्बनिक पदार्थ होने के कारण जरूरी है नष्ट करना
पीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस कचरे में कार्बनिक पदार्थ (ऑर्गैनिक) मौजूद हैं। इसे नष्ट करने का एकमात्र तरीका जलाना ही है। उद्योगों में इस तरह के कचरे को जलाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित होगी और इसका उद्देश्य आम जनता को जागरूक करना है।
निष्कर्ष:
यह जहरीला कचरा नष्ट होने के बाद भोपाल और आसपास के इलाकों को इससे हमेशा के लिए राहत मिल जाएगी।