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टीचर्स की ड्यूटी और स्टूडेंट्स के लिए चुनौती: चुनावी शोर के बीच तीन परीक्षाओं की तैयारी कैसे होगी?

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इस साल शहरी और ग्रामीण सत्ता के लिए चुनाव एक साथ हो रहे हैं। चुनाव की प्रक्रिया 35 दिनों में पूरी होगी, और ये दिन सीजी बोर्ड, सीबीएसई और आईसीएसई के छात्रों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं। चुनाव और परीक्षाएं एक साथ होने के कारण छात्रों की तैयारी पर असर पड़ सकता है, जिससे परीक्षा के परिणाम भी प्रभावित हो सकते हैं।

परीक्षाएं कब होंगी?

  • आईसीएसई: 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से 27 मार्च तक, 12वीं की परीक्षा 13 फरवरी से 5 अप्रैल तक।
  • सीबीएसई: 10वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 18 मार्च तक, 12वीं की परीक्षा 15 फरवरी से 4 अप्रैल तक।
  • सीजी बोर्ड: 12वीं की परीक्षा 1 से 28 मार्च तक, 10वीं की परीक्षा 3 से 24 मार्च तक।

चुनाव और परीक्षाएं एक साथ होने से क्या असर होगा?

सीबीएसई और आईसीएसई की परीक्षाएं 13 से 15 फरवरी के बीच शुरू हो रही हैं। वहीं, नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान 11 फरवरी को होगा और तीन चरणों में मतदान होंगे। इन मतदान चरणों के बीच परीक्षाएं चल रही होंगी। इस कारण छात्रों को परीक्षा की तैयारी में दिक्कत हो सकती है।

स्कूलों पर होगा असर

सरकारी और निजी स्कूलों को मतदान केंद्र बनाया जाएगा, जिससे स्कूल दो दिन बंद रहेंगे और कक्षाएं नहीं हो पाएंगी। साथ ही, चुनावी ड्यूटी में लगे शिक्षकों के कारण छात्रों को पर्याप्त मदद नहीं मिल पाएगी।

चुनावी शोरगुल से अध्ययन प्रभावित

परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को शांत वातावरण की आवश्यकता होती है, लेकिन चुनावी शोरगुल और लाउडस्पीकर से उनकी पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।

शिक्षकों का प्रयास

छग टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि दोनों कामों के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा। शिक्षक इस प्रयास में हैं कि चुनावी ड्यूटी से पहले वे बच्चों का पूरा पाठ्यक्रम समाप्त कर लें और रिविजन करवा सकें, ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

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