जो भी एसीबी में अधिकारी या टीम होगी, उनकी प्राथमिकता भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की रहेगी। उनके द्वारा कार्रवाई करने के लिए एक सख्त कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि कोई लूज अंतर न रहे। पुराने केसों के निपटान के प्रयास किए जाएंगे ताकि नए मामलों पर भी काम किया जा सके। सूचना तंत्र को मजबूत किया जाएगा और हेल्पलाइन को सुदृढ़ किया जाएगा।
सरकार ने आईपीएस-आईएएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए राज्य सरकारों को निर्देशित किया है। इसके लिए भी विभागीय समझौते की जरूरत है और समय पर स्वीकृति देने की जरूरत है। विभागों के बीच समझौते को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि कोई अंदरस्टैंडिंग की कमी न रहे।
जो जिलों में एसीबी की कार्रवाई नहीं हो रही है, उन जिलों में भगत की शिकायतें हैं। इस पर मेरे पास अभी कोई टिप्पणी नहीं है, लेकिन मैं जल्द ही यह मामला देखूंगा और उसके कारणों को जानने का प्रयास करूंगा।
हाल ही में एसीबी ने एक आईपीएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। कोई भी विभाग कानून को तोड़ रहा है, उसके खिलाफ कड़ा कार्रवाई की जाएगी। एक्शन की नीति आगे भी लागू रहेगी, जो भी कानून तोड़ता है, उसके खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया जाएगा।
एसीबी के प्रति जनता की सोच में सुधार हो रहा है, और उनकी आशा है कि उनकी शिकायतें ठीक से सुनी जाएंगी। इससे रिश्वत लेने वालों के खिलाफ कड़ा कार्रवाई की जाएगी, और एसीबी के और भी सुधार होंगे।