
भा.ज.पा. ने रविवार को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी की। जैसे ही यह सूची जारी हुई, सुकमा, बीजापुर और गीदम में पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आई। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी में टिकट वितरण में अपारदर्शिता, पक्षपात और अनदेखी की गई है।
सुकमा में स्थिति और भी गंभीर हो गई। यहां के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के गृहग्राम में 18 कार्यकर्ताओं ने सामूहिक त्यागपत्र दिया है। इनमें भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष और पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सहित आधा दर्जन से अधिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जिनमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के भतीजे मनोज देव भी शामिल हैं। मनोज देव ने पार्षद टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
पार्टी में पक्षपात का आरोप
सुकमा, बीजापुर और गीदम के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी पुराने कार्यकर्ताओं को लगातार अनदेखा कर रही है, जिससे उनका मानसिक शोषण हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थकों को टिकट दिया जा रहा है।
सुकमा में पिछले महीने हुए मंडल अध्यक्ष चुनाव को भी पार्टी कार्यकर्ताओं ने असंतोषजनक बताया और कहा कि वह प्रक्रिया अवैध थी। इसके अलावा, पार्टी ने अन्य दलों से आए लोगों को पार्टी में टिकट दी है, जिससे पुराने कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ी है।
इस्तीफा देकर बगावत
कई पुराने कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब वे बगावत पर उतर आए हैं। पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष मनोज देव ने कहा कि सुकमा नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के टिकट वितरण में पक्षपात और अपारदर्शिता की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों को पार्टी में जगह दी गई है, जबकि पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया है। इस वजह से उन्होंने सामूहिक त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है