
सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि सफलता का पैमाना सिर्फ डॉक्टर या इंजीनियर बनने तक सीमित कर दिया गया है, जबकि हर बच्चा अपनी काबिलियत के हिसाब से अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि बच्चों से ज्यादा उम्मीदें न रखें, क्योंकि इससे उनके ऊपर मानसिक दबाव बढ़ता है।
सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
राहुल कस्वां ने समाज, परिवार और संस्थानों से अपील की कि वे बच्चों के साथ जुड़कर उनकी समस्याओं को समझें और उन्हें मानसिक दबाव से मुक्त करने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि सफलता का मानक संकुचित नहीं होना चाहिए और बच्चों को उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।
परिजनों और शिक्षण संस्थानों से अपील
राहुल कस्वां ने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों को समय दें, उन्हें समझें और उनका सहयोग करें। साथ ही, उन्होंने शिक्षण संस्थानों से भी यह उम्मीद जताई कि वे बच्चों की प्रतिभा की पहचान करें और उन्हें स्वस्थ माहौल प्रदान करें।
2025 में आत्महत्या के 6 मामले
कोटा में 2025 की शुरुआत से अब तक छह छात्रों ने आत्महत्या की है, जो एक गंभीर स्थिति है। यह घटनाएं चिंताजनक हैं और सभी से अपील की गई है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
- 8 जनवरी – हरियाणा के नीरज
- 9 जनवरी – मध्य प्रदेश के अभिषेक लोधा
- 15 जनवरी – ओड़िशा के अभिजीत गिरी
- 18 जनवरी – राजस्थान के मनन जैन
- 22 जनवरी – गुजरात की अफ्शा शेख
- 22 जनवरी – असम के पराग
सांसद ने सरकार, कोचिंग संस्थानों और प्रशासन से इस गंभीर समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकालने की अपील की है।