राजस्थान सरकार ने 28 दिसंबर को शाहपुरा जिले के दर्जे को समाप्त कर दिया था। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ अब विरोध और बढ़ गया है। संघर्ष समिति के आह्वान पर शाहपुरा में महापड़ाव चल रहा है, जिसमें हजारों लोग शामिल हो रहे हैं।
बाजार और स्कूल रहे बंद
आज सुबह से शाहपुरा शहर का बाजार बंद है। मेडिकल स्टोर यूनियन और 60 से अधिक संस्थाओं ने बंद को समर्थन दिया है। निजी स्कूल भी बंद हैं, और निजी विद्यालय संस्थानों ने भी इस बंद का समर्थन किया है। लोग आने-जाने में भी परेशान हो रहे हैं क्योंकि टैक्सी यूनियन ने भी समर्थन दिया है।
ब्लैक-डे के रूप में मनाया गया दिन
आज को ब्लैक-डे के रूप में मनाया जा रहा है। दोपहर 12 बजे महलों के चौक से रैली निकाली गई। रैली में शाहपुरा, जहाजपुर, पंडेर, फूलियाकलां, कोटड़ी, रायला और बनेड़ा क्षेत्र के लोग शामिल हुए। शाम 6 बजे लोग ताली और थाली बजाकर विरोध दर्ज करेंगे और रात 8 बजे कुछ समय के लिए घरों में बिजली बंद रखकर ब्लैक आउट करेंगे।
रैली को पुलिस ने रोका
मंगलवार को संघर्ष समिति द्वारा त्रिमूर्ति चौराहे से रैली निकाली गई। पुलिस ने रैली को रोकने की कोशिश की, जिससे वकीलों और पुलिस के बीच तनातनी हो गई। हालांकि, प्रदर्शनकारी नहीं रुके और रैली को आगे बढ़ाते हुए उपखंड कार्यालय के बाहर सभा में बदल दिया।
विरोध-प्रदर्शन का लंबा सिलसिला
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री शाहपुरा आए थे और 10 दिन बाद जिले को समाप्त कर दिया गया। इसके विरोध में 3 जनवरी से शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन शुरू हुआ, जो अब तक जारी है।