बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ के अवसर पर संगम में पांच डुबकी लगाई। उन्होंने सभी से महाकुंभ में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि जो लोग नहीं आएंगे, वे पछताएंगे और देशद्रोही कहलाएंगे।
पांच डुबकी का विशेष महत्व
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि उन्होंने पांच डुबकी लगाई हैं।
- पहली डुबकी हिंदू राष्ट्र बनने के लिए।
- दूसरी बागेश्वर धाम के नाम।
- तीसरी बागेश्वर धाम परिवार के सभी सदस्यों के लिए।
- चौथी भारत के सभी संत-महात्माओं की सुरक्षा और सनातन धर्म के लिए।
- पांचवीं डुबकी हिंदुत्व, सनातन और विश्व कल्याण के लिए।
आस्था और व्यवस्था पर बयान
अव्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां हर चीज अद्भुत और अनूठी है। जिनके अंदर आस्था है, उन्हें हर जगह व्यवस्था दिखाई देगी। लेकिन जिनमें आस्था नहीं है, वे अव्यवस्था की बातें करेंगे। उन्होंने कहा, “हम यहां व्यवस्था देखने नहीं, बल्कि सनातन धर्म का परचम लहराने और गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाने आए हैं।”
गरीबी मिटाने को लेकर जवाब
गंगा स्नान से गरीबी मिटाने के सवाल पर उन्होंने कहा, “हर काम गरीबी मिटाने के लिए नहीं होता। जैसे चर्च में कैंडल जलाने से गरीबी नहीं मिटती, वैसे ही हर धार्मिक यात्रा का उद्देश्य गरीबी मिटाना नहीं होता। यह आस्था और श्रद्धा का विषय है। हिंदू धर्म में पिता की पूजा से लेकर गंगा स्नान तक, हर कार्य का अपना विशेष महत्व है।”
हर व्यक्ति को महाकुंभ में आने की अपील
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि महाकुंभ में हर हिंदू को आना चाहिए। यहां बीमारियां दूर होती हैं और हिंदुत्व का उत्साह देखने को मिलता है। जो लोग नहीं आएंगे, वे न केवल पछताएंगे बल्कि उन्हें देशद्रोही भी कहा जाएगा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इन बयानों ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच जोश भर दिया है।