डुमना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के बाद रनवे की लंबाई 2750 मीटर हो गई है, जो कि प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा रनवे है। अब यहां बड़े विमान भी आसानी से उतर सकते हैं। हालांकि, विमानों की संख्या कम होने के कारण एप्रॉन खाली रहते हैं।
वायु सेवा संघर्ष समिति के हिमांशु खरे और मनोज जसाटी का कहना है कि अगर विमान कंपनियां जबलपुर एयरपोर्ट को चुने, तो शहर को अन्य शहरों से बेहतर एयर कनेक्टिविटी मिल सकती है।
यहां की लैंडिंग और टेकऑफ चार्ज 5,000 से 10,000 रुपये तक है, जबकि अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स पर यह शुल्क अधिक होता है। हालांकि, यह किराया विमान के आकार पर निर्भर करता है।