गुरुवार को किरंदुल और बचेली में एटक और इंटक यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता कर कहा कि एनएमडीसी लिमिटेड, जो देश की सबसे बड़ी लौह अयस्क उत्पादक कंपनी है, में श्रमिकों के वेतन रिवीजन की फाइल अनावश्यक रूप से इस्पात मंत्रालय में अटकी हुई है।
ट्रेड यूनियनों ने की आर-पार की लड़ाई की तैयारी
ट्रेड यूनियनों ने अब इस मामले को लेकर आर-पार की लड़ाई की तैयारी की है। 13 जनवरी 2025 को एनएमडीसी के सभी खदानों, मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में यूनियनें अपनी मांगों को लेकर औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत सीधी कार्यवाही का नोटिस दे चुकी हैं।
एनएमडीसी में 01 जनवरी 2022 से वेतन रिवीजन लंबित है। इसके लिए बनी वेज सब कमेटी ने प्रबंधन और यूनियनों के बीच समझौते के बाद अगस्त 2024 में सिफारिशें की थीं। इन सिफारिशों को सितंबर में एनएमडीसी बोर्ड ने मंजूरी दी थी, लेकिन वेतन समझौता अब तक लागू नहीं हो पाया है।
केंद्रीय इस्पात मंत्री से भी की गई मुलाकात
फेडरेशन ने 21 दिसंबर 2024 को केंद्रीय इस्पात मंत्री को पत्र लिखकर और 22 जनवरी को उनसे मुलाकात कर वेतन समझौते को शीघ्र लागू करने की मांग की।
13 फरवरी से एनएमडीसी में सीधी कार्यवाही
अब एनएमडीसी के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर 12 फरवरी तक वेतन समझौता लागू नहीं किया गया, तो 13 फरवरी से वे सीधी कार्यवाही करेंगे। इससे उत्पादन में रुकावट आ सकती है और एनएमडीसी द्वारा उत्पादित लौह अयस्क पर निर्भर उद्योगों पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।