घटना का विवरण:
ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर कई ग्राम पंचायतों में अत्यधिक दामों पर लाइट खरीदने का मामला सामने आया है। कुल 20 ग्राम पंचायतों में एक करोड़ पचास हजार रुपए की राशि खर्च कर 223 सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाए गए। ये लाइट्स बिना किसी नियम के खरीदी गईं, और इन्हें सामान्य कीमत से कहीं अधिक दाम पर खरीदी गईं। जबकि बाजार में अच्छी क्वालिटी की सोलर लाइट्स 15 से 20 हजार रुपये में मिल सकती हैं, लेकिन यहां प्रति लाइट 45 हजार का बिल लगाया गया है।
खरीदी में धांधली:
व्यापारियों के साथ मिलकर कमिशन के आधार पर लाइट्स की खरीदी की गई। खासकर रिचा एंटरप्राइजेज और भावेश ट्रेडर्स जैसे व्यापारियों ने यह लाइट्स सप्लाई कीं। इन व्यापारियों ने तय दाम से बहुत अधिक कीमत पर लाइट्स की आपूर्ति की। इसके साथ ही भंडार क्रय नियमों का पालन भी नहीं किया गया, और आडिट भी मैनेज कर लिया गया ताकि कोई आपत्ति न हो।
सरकारी धन का दुरुपयोग:
इन स्ट्रीट लाइट्स को गांव में लगाने के नाम पर पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकारी खजाने से राशि निकाली, लेकिन इन लाइट्स का काम बहुत खराब था। कुछ ही दिनों में ये लाइट्स खराब हो गईं, और गांव में विकास के बजाय भ्रष्टाचार ही बढ़ा। इसके अलावा, विभिन्न ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट्स के लिए बिलों में भी हेरफेर की गई।
प्रमाणित खरीदारी नहीं की गई:
सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी सामग्री की खरीदारी से पहले कई फर्मों से कोटेशन लेना चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। प्रत्येक ग्राम पंचायत में सोलर स्ट्रीट लाइट्स के लिए खरीदारी बिना कोई कोटेशन मंगाए की गई, जिससे इन व्यापारियों को फायदा हुआ।
कुल मिलाकर:
सरपंच और सचिव की मिलीभगत से इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया, और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है, तो कई लोग सलाखों के पीछे होंगे।