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एमपी में साढ़े 5 लाख पेंशनर्स लापता! सरकार करा रही जांच

भोपाल। मध्यप्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले करीब 5.5 लाख पेंशनर्स का वैरीफिकेशन नहीं हो पाया है, जबकि उनके खातों में हर महीने पेंशन भेजी जा रही थी। यह स्थिति तब है जब तीन स्तर पर जांच हो चुकी है, लेकिन फिर भी इनका सत्यापन नहीं हुआ। इसलिए मोहन यादव सरकार अब डोर-टू-डोर वैरीफिकेशन अभियान चला रही है।

15 फरवरी तक चलेगा अभियान

सरकार उन पेंशनर्स को घर-घर जाकर खोज रही है, जिनका सत्यापन नहीं हो पाया है। यह अभियान 15 फरवरी तक चलेगा और जिन पेंशनर्स का इस दौरान भी सत्यापन नहीं होगा, उनके खाते बंद कर दिए जाएंगे। लापता हितग्राही ज्यादातर नीमच, सिवनी, अलीराजपुर, अनूपपुर और बालाघाट जैसे आदिवासी जिलों के हैं। सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है और अपात्र लोगों को पेंशन नहीं दी जा सकती।

600 रुपये मिलती है वृद्धावस्था पेंशन

मध्यप्रदेश में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत हर महीने 600 रुपये पेंशन दी जाती है। सरकार ने समग्र पोर्टल पर पेंशनर्स का सत्यापन किया था, जिसमें आधार नंबर से उनकी उम्र, नाम और पता अपडेट किया गया। इस दौरान 5 लाख पेंशनर्स अपात्र पाए गए और उन्हें अपने दस्तावेजों के साथ पुनः आवेदन करने को कहा गया, लेकिन वे सत्यापन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। अब सरकार इन्हें खोजने के लिए घर-घर जाकर जांच कर रही है।

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