श्रद्धालुओं की आपबीती
थानागाजी (वर्तमान में जयपुर निवासी) के एडवोकेट कौशल भारद्वाज ने बताया, “रात करीब 2:18 बजे की बात है। हम सात लोग संगम पर स्नान करके लौट रहे थे, तभी अचानक लोगों की जोर-जोर से चिल्लाने की आवाजें आईं। हम घटना स्थल से सिर्फ 200 मीटर दूर थे। भगदड़ के दौरान मेरा पैर नारियल पर पड़ा और मैं गिर गया, लेकिन भगवान की कृपा से तुरंत संभल गया और सुरक्षित बाहर निकल पाया।”
प्रशासन की सतर्कता से टली बड़ी जनहानि
📌 रात को संगम घाट पर भारी भीड़ थी।
📌 प्रशासन लगातार लाउडस्पीकर से भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहा था, लेकिन लोग नहीं माने और आगे बढ़ते रहे।
📌 युवा श्रद्धालु अनुराग शर्मा, अमित टोंगडा और कपिल शर्मा ने बताया कि प्रशासन के सही नियंत्रण की वजह से बड़ी जनहानि टल गई और वे सुरक्षित वापस लौट आए।
महंतों और संतों की अपील
📌 वेंकटेश बालाजी धाम के महंत सुदर्शनाचार्य ने बताया कि उनके यहाँ 1000 श्रद्धालु ठहरे हुए थे और किसी को सुबह संगम जाने नहीं दिया गया।
📌 रैणागिरी के जनार्दनाचार्य महाराज ने भी बताया कि उनके कुछ श्रद्धालु संगम गए थे, लेकिन सभी सुरक्षित लौट आए।
📌 तिजारा विधायक महंत बालकनाथ ने भी प्रमुख संतों के साथ स्नान किया। उन्होंने कहा कि भगदड़ के दौरान कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया।
श्रद्धालुओं ने परिजनों को दी सूचना
📌 अलवर से हजारों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। घटना के बाद सभी ने परिजनों को फोन कर अपनी सुरक्षा की जानकारी दी।
📌 अट्टा मंदिर महंत रामदास के साथ पहुंचे श्रद्धालु भी सुरक्षित हैं।
📌 श्रद्धालु हरिओम पंडित ने बताया कि भगदड़ की खबर से थोड़ी चिंता हुई, लेकिन प्रशासन ने हालात को संभाल लिया।
सरकारी जांच और कार्रवाई
📌 मुख्य सचिव मनोज कुमार और डीजीपी प्रशांत कुमार ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू कर दी।
📌 सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है और 60 घायल हैं।
📌 प्रशासन घटना के कारणों की जांच कर रहा है और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
👉 महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और संयम बनाए रखें।