विशाल प्रसादी का आयोजन
मेले में श्रद्धालुओं के लिए 551 क्विंटल दाल, चूरमा और दही की प्रसादी बनाई गई, जिसे 2.5 लाख पत्तलों में परोसा गया। पानी के लिए 15 टैंकरों की व्यवस्था की गई और 4 लाख कप व गिलासों का इस्तेमाल हुआ।
भव्य आयोजन और पुष्पवर्षा
मेले की सबसे बड़ी खासियत हेलीकॉप्टर से की गई पुष्पवर्षा रही, जिसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। लोक नृत्य और धमाल कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र रहे।
व्यवस्था में हजारों स्वयंसेवक
मेले में 5 हजार वॉलंटियर्स ने सेवा दी, जिसमें 3 हजार पुरुष और 500 महिला स्वयंसेवक शामिल थे। पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए।
महत्वपूर्ण अतिथियों की उपस्थिति
मेले में सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजौर ने इसे “राजस्थान का कुंभ मेला” बताया और कहा कि ऐसे आयोजन समाज को एकजुट करते हैं। अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में विधायक अतुल प्रधान, हंसराज पटेल, पूर्व मंत्री कैलाश शर्मा, पूर्व विधायक रामचंद्र रावत, जिला पार्षद मंजू रावत सहित कई सामाजिक और राजनीतिक हस्तियां शामिल थीं।
समाज को जोड़ने वाला आयोजन
पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना ने कहा कि धार्मिक मेले समाज को जोड़ने और एकता बढ़ाने का काम करते हैं। ग्रामीणों और बुजुर्गों के सहयोग से यह आयोजन सफल हुआ।
संपूर्ण व्यवस्था और आयोजन टीम
मेले के दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली की मदद से प्रसादी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाई गई। पुलिस और प्रशासन की ओर से एसडीएम बृजेश चौधरी, तहसीलदार रामधन गुर्जर और अन्य अधिकारियों ने व्यवस्था संभाली। ग्रामीणों और स्वयंसेवकों ने मिलकर आयोजन को सफल बनाया।