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इफको आंवला में बनेगी 5000 गायों की गौशाला, गोबर और गौमूत्र से बनेंगे उपयोगी उत्पाद

गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
बरेली के आंवला स्थित इफको प्लांट में 5000 गायों की क्षमता वाली आत्मनिर्भर गौशाला बनाने की योजना पर विचार किया गया। इस गौशाला को प्राकृतिक खेती, जैविक खाद, गोबर पेंट और अन्य उत्पादों से जोड़ा जाएगा ताकि यह खुद अपना खर्च चला सके। कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि इफको और पशुपालन विभाग ने इस पर सहमति जताई है।

गौशाला से बनने वाले उत्पाद

गौशाला में गोबर और गौमूत्र का सही इस्तेमाल कर कई तरह के उत्पाद बनाए जाएंगे, जिससे यह आर्थिक रूप से मजबूत बनेगी।
गोबर से बने उत्पाद: धूपबत्ती, अगरबत्ती, दीपक, थाली, घड़ी, फूलदान, पेन स्टैंड और सजावटी सामान।
गौमूत्र का उपयोग: बायो फर्टिलाइजर और वर्मी कंपोस्ट बनाया जाएगा, जिससे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

युवाओं को मिलेगा रोजगार, गोबर से बढ़ेगी आय

इस योजना से युवाओं को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। पहले जो गोबर और गौमूत्र बेकार चला जाता था, अब उसका उपयोग करके लोगों की आय बढ़ाई जाएगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

बैठक में मौजूद अधिकारी

इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिनमें पशुपालन विभाग के विशेष सचिव देवेंद्र पांडे, इफको के सीनियर जनरल मैनेजर, पशुपालन निदेशक डॉ. जयकेश पांडे, अपर निदेशक संगीता तिवारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, एडीएम (राजस्व) बरेली, एसडीएम आंवला और क्षेत्राधिकारी आंवला शामिल थे।

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