एमपी में अलर्ट जारी
महाराष्ट्र के नजदीकी राज्य मध्य प्रदेश (एमपी) में भी इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। खासतौर पर महाराष्ट्र से सटे जिलों में स्वास्थ्य विभाग सतर्क है और अस्पतालों में मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
क्या है गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)?
यह एक दुर्लभ बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को प्रभावित करती है। इस बीमारी में शरीर की मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और गंभीर मामलों में पैरालिसिस (अंगों का सुन्न होना) भी हो सकता है।
GBS के लक्षण:
- मांसपेशियों में कमजोरी और खिंचाव
- हाथ-पैरों में सुन्नता
- उल्टी और दस्त
- पेट दर्द
- बुखार
अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डॉक्टरों की सलाह:
भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम को लेकर एमपी के अस्पताल अलर्ट पर हैं। मरीजों की जांच की जा रही है। डॉ. तिवारी का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका इलाज संभव है। अगर समय पर इलाज शुरू हो जाए तो मरीज 2 हफ्तों में पूरी तरह ठीक हो सकता है। हालांकि, इलाज के बाद थोड़ी कमजोरी रह सकती है।
GBS से बचाव के उपाय:
- हमेशा उबला हुआ पानी पिएं।
- खुले और बासी खाने से बचें।
- चीज और पनीर को अच्छी तरह धोकर और पका कर खाएं।
- प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) को मजबूत बनाए रखें।
- मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
- खाने से पहले हाथ अच्छे से धोएं।
सतर्क रहें और साफ-सफाई का ध्यान रखें ताकि इस बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सके।