10 दिन बाद वन विभाग को मिली जानकारी
जब वन विभाग के अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया, तो पाया कि तेंदुआ के गले में क्लच वायर का फंदा लगा हुआ था। बाद में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की डॉग स्क्वॉड टीम को बुलाया गया, जिन्होंने सर्चिंग की। सर्चिंग के दौरान 500 मीटर के दायरे में 8 फंदे और मिले। इसके अलावा, डॉग स्क्वॉड टीम घटनास्थल के पास एक झोपड़ी तक भी पहुंची, लेकिन आरोपी वहां से भाग चुका था।
तेंदुए की मौत और शिकार की आशंका
तेंदुए के शव को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि उसकी मौत करीब 8 से 10 दिन पहले हुई थी। शव पूरी तरह से सड़ चुका था और उस पर फफूंद भी लगी थी। वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए का पोस्टमार्टम करवाया और बिसरा जांच के लिए भेजा।
वन विभाग की लापरवाही पर सवाल
इस घटना के 8 से 10 दिन बाद वन विभाग को इसकी जानकारी मिली, जिससे विभाग की जागरूकता और सक्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। वन क्षेत्र के रेंजर शुभम जैन से इस बारे में बात करने की कई कोशिशें की गई, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। वन विभाग अधिकारी इस मामले में बात करने से भी कतराते नजर आए।