इस कार्यक्रम में ऊंटों को सजाकर उनके नृत्य का प्रदर्शन किया गया, जिसमें ऊंटों ने चारपाई पर चढ़कर विभिन्न कलाबाजी के करतब दिखाए। इस दौरान, झुंझुनूं, बीकानेर, नागौर और अन्य इलाकों से आए ऊंटों ने शानदार प्रदर्शन किया। ऊंटों का नृत्य देखकर विदेशी पर्यटक भी हैरान रह गए।
मेले में कुल 2,078 ऊंट शामिल हुए, और अन्य पशुओं की संख्या भी अच्छी रही। गोवंश की संख्या 1,596, भैंस वंश की संख्या 365, और घोड़ों की संख्या 35 रही। कुल मिलाकर मेले में 4,104 पशु पहुंचे।
इस बार के मेले में अमेरिका से आए पर्यटकों ने ऊंट की सवारी का भी आनंद लिया और मेले का पूरा दृश्य कैमरे में कैद किया।
इसके अलावा, मेला में पशु व्यापारी पशुओं की खरीदारी में लगे रहे और मोलभाव कर रहे थे। कुछ पशुपालकों ने अपनी बिक्री पूरी कर दी और कुछ ने पेशगी भी दी।
इस वर्ष प्रतिभागियों को पुरस्कार के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए, ताकि उन्हें आगे भी ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा सके।