ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए सब्सिडी और सुविधाएं
- ड्रोन डिजाइन और निर्माण करने वाली कंपनियों को 40% पूंजी निवेश सब्सिडी, अधिकतम 30 करोड़ रुपए तक मिलेगी।
- 50 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली कंपनियों के लिए अलग से विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- ड्रोन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में ड्रोन सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
अन्य लाभ और प्रोत्साहन
- लीज रेंटल पर 25% की छूट या अधिकतम 5 लाख रुपए प्रति वर्ष, जो भी कम हो, तीन साल तक मिलेगी।
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) प्रोजेक्ट के लिए 2 करोड़ तक की सहायता दी जाएगी।
- इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत 6 महीने तक 8000 रुपए प्रति माह की आर्थिक सहायता मिलेगी।
- प्रदर्शनियों और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 50% तक की सब्सिडी, घरेलू कार्यक्रमों के लिए 1 लाख और अंतरराष्ट्रीय के लिए 2 लाख रुपए मिलेगी।
- 100% स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क वापस किया जाएगा।
- पेटेंट फाइलिंग पर घरेलू पेटेंट के लिए 5 लाख रुपए और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख रुपए तक की सहायता मिलेगी।
ड्रोन उद्योग का भविष्य
- 2030 तक वैश्विक ड्रोन बाजार 144 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो 2022 में 71 अरब डॉलर था।
- भारतीय ड्रोन बाजार फिलहाल 2.71 अरब डॉलर का है, जिसे 13 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
- एमपी सरकार ड्रोन इंफ्रास्ट्रक्चर पर 91.46 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
- अगले 5 सालों में 370 करोड़ का निवेश और 8,000 नए रोजगार के अवसर बनने की संभावना है।
नीति का उद्देश्य
मध्य प्रदेश सरकार ने “एमपी ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025” बनाई है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस नीति का उद्देश्य है:
- बेहतर शासन और सेवा वितरण के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपनाना।
- अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा देना।
- ड्रोन निर्माण और सेवाओं में निवेश को आकर्षित करना।
- कुशल कार्यबल तैयार करना।
इस नई नीति से मध्य प्रदेश को ड्रोन टेक्नोलॉजी का बड़ा हब बनाने की योजना है।