बिजली उत्पादन और सप्लाई
- यह 200 मेगावाट का सोलर एनर्जी पार्क होगा।
- यहां बनने वाली बिजली लेटा के 220 केवी जीएसएस तक पहुंचाई जाएगी और फिर जरूरत के अनुसार सप्लाई होगी।
- हाईटेंशन टॉवर भी लगाए जा रहे हैं ताकि बिजली आसानी से ट्रांसफर हो सके।
काम तेजी से जारी
- प्लांट का फाउंडेशन वर्क और सोलर पैनल लगाने का काम शुरू हो चुका है।
- अप्रैल या मई 2025 तक यह प्लांट पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
- इसमें 4 लाख से ज्यादा सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
पश्चिमी राजस्थान क्यों है सोलर एनर्जी के लिए बेहतर?
- यहां ज्यादातर समय तेज धूप रहती है, जिससे सालभर बिजली उत्पादन संभव है।
- बारिश के कुछ दिनों को छोड़कर यहां सूरज से भरपूर ऊर्जा मिलती है।
- यही कारण है कि बड़ी कंपनियां जालोर में सोलर प्लांट लगाने में रुचि ले रही हैं।
जालोर जिले की बिजली जरूरत और समाधान
- जालोर और सांचौर में रोजाना 1.2 करोड़ यूनिट बिजली की जरूरत होती है।
- इस नए प्लांट से स्थानीय स्तर पर बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा।
- राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति में जालोर को ज्यादा समस्या नहीं होगी।
स्थायी समाधान की ओर कदम
इस सोलर प्लांट से जालोर जिले को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इलाके की बिजली जरूरतों को आसानी से पूरा किया जा सकेगा, जिससे भविष्य में बिजली संकट से बचा जा सकेगा।