बेटियां अपनी उपेक्षा को बनाती हैं ताकत
- घर के कामों के बावजूद जब मां को ताने मिलते हैं, तो बेटियां इससे सीख लेकर पढ़ाई पर ध्यान देती हैं।
- उन्हें यह डर रहता है कि करियर सेट नहीं हुआ तो जल्दी शादी करा दी जाएगी।
- माता-पिता द्वारा भाई को अधिक तवज्जो देने से वे मेहनत करके खुद को साबित करने में जुट जाती हैं।
लड़कियों की याददाश्त होती है बेहतर
- वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि लड़कियों में दो X क्रोमोसोम होते हैं, जो उन्हें धैर्यवान और संतुलित बनाते हैं।
- उनकी याददाश्त जन्मजात अच्छी होती है, जिससे वे पढ़ाई में लड़कों से आगे रहती हैं।
सरकारी योजनाओं से मिली मदद
- केंद्र और राज्य सरकारों की शिक्षा योजनाओं, स्कॉलरशिप और जागरूकता अभियानों ने छात्राओं को आगे बढ़ने में मदद की है।
- स्कूल-कॉलेजों में बेटियों के नामांकन बढ़े हैं, जिससे वे उच्च शिक्षा की ओर बढ़ रही हैं।
टॉपर्स की राय
- पूर्व CBSE टॉपर प्रियांशी के अनुसार, स्कॉलरशिप, योजनाबद्ध तैयारी और नोट्स बनाकर पढ़ाई करने से सफलता आसान हो जाती है।
- प्रो. महेंद्र जैन (मनोविज्ञान विशेषज्ञ) का कहना है कि लड़कियां स्वाभाविक रूप से प्रबंधन में अच्छी होती हैं और वे पढ़ाई व करियर को लेकर ज्यादा गंभीर रहती हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेटियों का दबदबा
- RAS-2016 में महिला अभ्यर्थियों का चयन 37.9% था, जबकि 2021 में यह बढ़कर 47% हो गया।
- राजस्थान में पिछले 15 सालों में छात्राओं का रिजल्ट 99% तक पहुंच गया, जबकि छात्रों का अधिकतम 96.5% रहा।
निष्कर्ष
बेटियां समय प्रबंधन, मेहनत और आत्मनिर्भरता के बल पर परीक्षाओं में बेटों से आगे निकल रही हैं। सरकारी मदद, पारिवारिक सीख और उनकी जिद व लगन उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है। 📚🎓