

राजस्थान में सबसे ज्यादा लहसुन उत्पादन

बारां जिला लहसुन उत्पादन में राजस्थान में पहले स्थान पर है।
- राज्य में औसतन 89,805 हेक्टेयर में लहसुन की खेती होती है और उत्पादकता 5,916 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।
- बारां जिले में 30,714 हेक्टेयर में लहसुन उगाया जाता है और यहां उत्पादकता 6,133 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है।
बारां और छीपाबड़ौद को लहसुन मंडी घोषित किया गया है।
- हर साल लगभग 16 लाख क्विंटल लहसुन मंडियों में आता है।
- इस साल अब तक 9 लाख क्विंटल लहसुन की आवक हो चुकी है।
लहसुन का उपयोग और प्रोसेसिंग की जरूरत
लहसुन का उपयोग मुख्य रूप से मसाले, पेस्ट, पाउडर, दवाइयां, पापड़ आदि में किया जाता है।
बारां में सिर्फ 8 ग्रेडिंग इकाइयां और 1 प्रोसेसिंग प्लांट ही हैं।
- यदि ग्रेडिंग, ग्राइंडिंग और पैकेजिंग इकाइयां लगाई जाएं, तो जिले में मसाला उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है।
- इससे स्थानीय किसानों और व्यापारियों को अधिक मुनाफा होगा।
खेती के रुझान में बदलाव
पहले जिले में खाद्यान्न और तिलहन फसलें ही उगाई जाती थीं, लेकिन अब मसाले वाली फसलों का उत्पादन बढ़ रहा है।
- बारां की जलवायु मसाला फसल उत्पादन के लिए उपयुक्त है।
- लहसुन की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
भौगोलिक स्थिति और खेती
- जिले का कुल क्षेत्रफल 6,99,461 हेक्टेयर है, जिसमें से 4,49,000 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है।
- यहां की मिट्टी चिकनी दोमट और काली कपासी मिट्टी है, जो अच्छी जलधारण क्षमता रखती है।
- जिले में लहसुन, धनिया, नींबू और आंवला की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।
देश-विदेश में पहुंचता है बारां का लहसुन
बारां का लहसुन तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में जाता है।
- यहां से खाड़ी देशों में भी लहसुन का निर्यात किया जाता है।
प्रोसेसिंग यूनिट की जरूरत
बारां प्रदेश का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक जिला होने के बावजूद,
- यहां लहसुन प्रसंस्करण (Processing) के लिए पर्याप्त यूनिट नहीं हैं।
- यदि प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएं, तो लहसुन से बने उत्पाद तैयार कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है।
- इससे किसानों और व्यापारियों को दोगुना लाभ मिलेगा।
➡ सरकार और उद्योगपतियों को प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर ध्यान देना चाहिए, जिससे जिले का लहसुन उत्पादन और निर्यात बढ़ सके। 🚜🌱