कैसे हुआ निधन?
- बाबा महेश गिरी 25 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए गए थे।
- वापसी के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
- उन्हें इंदौर के एमवाई अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
बड़वानी में अंतिम संस्कार
रविवार को बड़वानी में उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई और रोहिणी तीर्थ स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में भक्त और क्षेत्र के विधायक राजन मंडलोई भी मौजूद रहे।
लंबे समय से कर रहे थे नर्मदा परिक्रमा
- बाबा महेश गिरी लंबे समय से नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे।
- वे परिक्रमा के दौरान अक्सर बड़वानी के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में रुकते थे और अन्य परिक्रमा वासियों की सेवा करते थे।
- इस बार उन्होंने दंडवत परिक्रमा का संकल्प लिया था, लेकिन हाथ फ्रैक्चर होने के कारण बड़वानी लौट आए थे।
जूना अखाड़े से जुड़ाव
- बाबा महेश गिरी वाराणसी के जूना अखाड़े के साधु थे।
- पिछले दो साल से वे बड़वानी में रह रहे थे और नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे।
उनके निधन से संत समाज और भक्तों में शोक की लहर है।