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देवलचौरी की ऐतिहासिक रामलीला में हुआ सीता स्वयंवर का मंचन

देवलचौरी: 120 साल से चली आ रही देवलचौरी गांव की ऐतिहासिक रामलीला हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। ब्रिटिश काल में शुरू हुई यह रामलीला भगवान राम की लीला की तरह अद्भुत और अलौकिक मानी जाती है।

सीता स्वयंवर में दिखा अद्भुत नजारा

रविवार को रामलीला में सीता स्वयंवर का मंचन हुआ। स्वयंवर में रखे भगवान पिनाक का धनुष कोई भी राजा हिला तक नहीं सका, जिससे राजा जनक दुखी हो गए और कहने लगे कि पृथ्वी वीरों से खाली हो गई है।

राजा जनक की यह बात सुनकर लक्ष्मण गुस्से से तमतमा गए, लेकिन भगवान राम ने उन्हें शांत किया। मुनि विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीराम ने जैसे ही धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई, वह खंड-खंड हो गया। जब मां सीता ने भगवान राम के गले में वरमाला पहनाई, तो पूरा क्षेत्र जयकारों से गूंज उठा

रामलीला के पात्रों ने किया शानदार अभिनय

रामलीला के सभी पात्रों ने शानदार अभिनय किया, जिससे हजारों की भीड़ मंत्रमुग्ध हो गई। साथ ही, हास्य कलाकारों ने भी खूब ठहाके लगवाए

  • पिट्टल सरकार बने दयाराम सेन और उनके साथी ललटकिया बने नरेश पटेल की जुगलबंदी लोगों को खूब पसंद आई।
  • दुष्ट राजा मनहरण तिवारी और साधु राजा नीरज तिवारी के अभिनय की भी जमकर सराहना हुई।

रावण का किरदार निभा रहे 72 वर्षीय वीरन चढ़ार

गांव के चौकीदार वीरन चढ़ार (72 वर्ष) पिछले कई वर्षों से रावण का किरदार निभा रहे हैं। उनकी बुलंद आवाज इतनी प्रभावशाली है कि उन्हें माइक की जरूरत ही नहीं पड़ती। उनके साथ प्रभु तिवारी पिछले 30 वर्षों से वाणांसुर की भूमिका निभा रहे हैं

विधायक भूपेंद्र सिंह भी हुए शामिल

रामलीला में खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि देवलचौरी आने के उनके दो कारण हैं – पहला यहां के लोगों से उनका पुराना नाता और दूसरा यहां की प्रसिद्ध रामलीला

विधायक सिंह ने कहा, “भगवान श्रीराम हर क्षण, हर कण में हैं। उनकी लीलाएं हमें जीवन के बड़े संदेश देती हैं।” उन्होंने तिवारी परिवार की सराहना करते हुए कहा कि 120 साल से रामलीला का मंचन कराना एक ऐतिहासिक परंपरा को जीवित रखने जैसा है

सोमवार को होगा राम विवाह का मंचन

रामलीला के आयोजक तिवारी परिवार ने बताया कि सोमवार को राम विवाह की लीला का मंचन किया जाएगा

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